Thursday, March 19, 2020

HINDI POETRY- हिंदी कविता -ZINDAGI-ज़िन्दगी







कुछ इस तरह से ज़िन्दगी को,
       गुजरा जा सकता है 
जीने के लिए कुछ ख्वाहिसों को
      मारा जा सकता है 

चाहत को मिटा कर ज़रूरत को 
       पला जा सकता है 
ज़िंदगी के मुश्किल दौर में खुद को 
      संभाला जा सकता है 

सूरज के बिना जुगनू से भी 
काम चलाया जा सकता है 
अँधियो के आगे अड़ कर 
चिरागों को बचाया जा सकता है। 

                - अनिल सिंघमार 


No comments:

Post a Comment

Blog Archive

tanha zindagi - तन्हा ज़िन्दगी

तन्हा ज़िन्दगी तन्हा ज़िन्दगी को कलम से  गुलजार कर रहा हूँ मैं  ज़िन्दगी से मिले ग़मो से  भरपूर प्यार कर रहा हूँ मैं  मुझे समझ...