Friday, March 27, 2020

Hindi Kavita - Vo krishan - वो कृष्ण

वो कृष्ण


वो कृष्ण, उनकी शाख में 
मैं मीरा, बेल सी समाई हूँ 
 धूप, आँधी, मेघ, हलाहल 
से निपट कर आयी हूँ 

बन कभी शबरी यक़ीनन 
बेर तो न चख सकी 
पर खाद, पानी, रोशनी 
चख-चख के उन्हे खिलाई हूँ 

वो कृष्ण, उनकी शाख में 
मैं मीरा, बेल सी समाई हूँ

            -मानसी पंत 



ये कविता मुझे मानसी ने भेजी है अगर आप भी मुझे अपनी कविता भेजना चाहते है तो आप मुझे dailylifeexperience05@gmail.com पर भेज सकते है।

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