Wednesday, March 25, 2020

hindi kavita - tum kaho - तुम कहो


तुम कहो


तुम कहो तो टूट कर ,
तुम्हारे कदमो में बिखर जाऊं 

तुम्हारे साथ बिताये हर लम्हे को 
गजलों में सजाऊ 

है खवाहिश आरजू 
मेरी भी जब  से तुमको देखा है 

अगर हो इजाजत 
तुम्हे लबो पर सजा के गाऊ

                                             - अनिल

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