Sunday, March 22, 2020

hindi kavita - हिंदी कविता - Ae zindagi - ऐ ज़िन्दगी

ऐ ज़िन्दगी आज हम भी शराब पीकर आये है
थोड़ी नहीं हम तो बेहिसाब पीकर आये है

ऐ ज़िन्दगी सुना है तुझे खुद पर बड़ा गुरूर है
मयखाने में जाकर पूछो हम भी बड़े मशहूर है

ऐ ज़िन्दगी उजालो में  न सही अंधेरो में रह लूँगा
तू चाहे जितना सितम कर हँसते हँसते  सह लूँगा

इतना आसा नहीं है ऐ ज़िन्दगी  मुझको झुकना
मुझे बखूबी आता है गम-ए -रंज  में मुस्कुराना

तुझे जितना गुरूर है मुझे तुझ से ज्यादा गुरूर है
ये दिवाना ऐ ज़िन्दगी जमाने में हद से ज्यादा मशहूर है 

हमने गम-ए -रंज का एक बना रखा है जहां ज़िन्दगी 
हमको  समझ पाना तेरे बस की बात है कहां है ज़िन्दगी

माना ऐ ज़िन्दगी तूने अपना फ़र्ज़ निभाया है
शुक्रिया ऐ ज़िन्दगी तूने ही गमो में रहना सिखाया है
                                                     
                                                             -  अनिल
                         

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