होली और वो
होली का पहला गुलाल जो
तेरे गालो पर मैंने न लगाया
तो बता क्या है होली !
तेरे माथे पर सजा गुलाल आज
मैने अपने हाथो से न लगाया
तो बता क्या है होली !
तेरी चुनर को जो मैने,
आज खुद से ना भिगाया
तो बता क्या है ये होली !
तेरी पिचकारी का पहला फुहार
जो मुझसे न टकराया
तो बता क्या है ये होली !
तेरे हाथों से बनी ताजी गुजिया
को जो न मै चख पाया
तो बता क्या है ये होली !
तेरे रंग से भरी काया को जो
आँखों से न रंगा देख पाया
तो बता क्या है होली !
तुझे छुप-छुप के जो अपने
गले से न लगा पाया
तो बता क्या है होली !
तेरा संगी बन जो न
दूजो से होली मिल पाया
तो बता क्या है होली !
तुझसे दूर रह जो
होली मैं मजा आया
तो बता क्या है होली !
- अक्श
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